टेलरिंग बनी ओड़िसा के एक गांव की महिलाओं की आर्थिक पहचान

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एक समय था जब महिलाएं अपने पतियों पर निर्भर रहती थीं। किन्तु भद्रक जिले के चाडबली ब्लॉक के अंतर्गत महुलिया पंचायत की लगभग 36 महिलाओं ने कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और दूसरों से आगे बढ़कर एक मिसाल कायम करने की इच्छाशक्ति ने अब उन्हें नई पहचान दी है। कपड़े सिलने से इन महिलाओं को नई पहचान मिली है। ये महिलाऐं अब अपने क्षेत्र में सबसे अधिक मांग वाली दर्जी बन गई हैं। सभी आयु वर्ग के लोग किसी भी प्रकार के कपड़े सिलवाने के लिए उनकी सिलाई इकाई में पहुंचते हैं।यह क्षेत्र की सभी महिलाओं के लिए आजीविका का एक स्रोत बन गया है और उन्हें जीवन में एक उद्देश्य दिया है।
समूह की अध्यक्ष मोनिका सुतार ने कहा कि हम हर महीने जो पैसा कमाते हैं उसे अलग रख दें तो, इस काम से हमें आत्मसंतुष्टि मिली है। पहले हम सिर्फ गपशप और चैटिंग में ही समय बिताते थे। पहले हमें पैसों के लिए अपने पतियों पर निर्भर रहना पड़ता था।
कटक, भद्रक, चांदबली और अन्य स्थानों तक के लोग यहाँ करवा रहे हैं। अब शादी पार्टियों और अन्य लोगों से भी ऑर्डर नियमित मिलते हैं जो उन्हें आजीविका चलाने में मदद करते हैं।