आगरा के लोगों की हर मर्ज की दवा कचौड़ी ,बेड़ई और जलेबी

Agra

आगरा- कहावत है कि आगरा के लोगों की नींद गर्म चाय के साथ कचौड़ी , बेड़ई तथा जलेबी खाये बिना नहीं खुलती है। कई बार लोग टेंशन या गुस्से में दिखते हैं, तो कोई न कोई कह ही देता है कि यार तुमने आज कचौड़ी , बेड़ई नहीं खाईं। आगरा एक ऐसा शहर है जहां के लोग अपने शहर की आलोचना करने से कम ही चूकते हैं, लेकिन उन्हें अपने शहर से बेहद लगाव है। यहाँ के सुबह का नॉश्ता, यहाँ के लोगों में फुर्ती देती है। कचौड़ी , बेड़ई के शौकीन यहाँ के लोग , चाहें वे लोकल नेता हों या पत्रकार, किसी भी मीटिंग को नहीं मिस करना चाहते हैं, क्योंकि मालूम है नाश्ता बढ़िया होगा। खास बात यह है , हर दुकान के नाश्ते का स्वाद कुछ अलग ही होता है। बाहर से आए कई लोग कहते हैं कि आगरा की बेड़ई और जलेबी में इतनी ताकत है कि ये आगरा के लोगों के लिए हर मर्ज की दवा का काम करती है।