आगरा में शादी पर बैंड बाजों की प्राचीन परंपरा अब भी जारी

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आगरा – स्टोरीज फ्रॉम द वर्ल्ड ऑफ इंडियन वेडिंग बैंड्स पुस्तक के अनुसार भारतीय शादियों में बैंड बाजे की प्रथा 19वीं शताब्दी में शुरू हुई थी । धीरे धीरे बैंड बाजे की प्रवृत्ति ने जोर पकड़ लिया क्योंकि भारतीय जीवन सभी क्षेत्रों में ब्रिटिश परंपराओं से प्रभावित था । जैसे जैसे उपनिवेशीकरण ने जड़ें जमाईं, शादी से जुड़ी कई प्रथाएं जैसे रिसेप्शन या यहां तक ​​कि शादी के निमंत्रण कार्ड छापने की प्रथा भारतीयों लोगों के बीच लोकप्रिय होती चली गई।
दुर्भाग्य से कि शादी के बैंड का चलन अब बहुत काम हो गया है । पेशेवर डीजे के आगमन और संगीत और रीति-रिवाजों में बदलती प्राथमिकताओं के परिणामस्वरूप इस पेशे में भारी गिरावट आई है।
बैंड बाज़ों की प्रथा आगरा में अब भी जारी है। आगरा का मिलन बैंड देश के सबसे पुराने बैंडों में से एक है। जिसकी स्थापना श्री हरिराम शर्मा ने की थी। श्री शर्मा को शुरू से ही संगीत का बहुत शौक था। वर्तमान में उनके पुत्र डिजिटल साउंड ट्रॉली, फ्लावर हेलीकॉप्टर और टैंक द्वारा फ्लावर ऑफ फ्लावर जैसे नए तकनीकी उपकरणों के साथ अपने व्यवसाय को जारी किये हुए हैं। मिलन बैंड ने फिल्म बंटी और बबली में भी अमिताभ बच्चन के साथ भी प्रदर्शन किया था । विश्व संगीत समारोह में दुबई में भी आगरा का यह मशहूर बैंड प्रदर्शन कर चुका है।